ये दुनिया काफिरों से इतनी भर गयी है ...
ऐ खुदा तेरे होने का एहसास चाहिए ...
ये मासूम आँखें खौफ़ से कितनी सहमी सी लग रही हैं ...
ऐ खुदा इन आँखों में फिर से तेरी तलाश चाहिए ...
हो तो ज़ाऊ मैं भी फना दरिया ऐ इश्क में ..
हाथ तुम थाम लोगे तेरा विशवास चाहिए ...
माना की तुम ज़माने के चश्म ऒ चिराग हो ...
पर कोई ऐसा मिले जो ताउम्र दिल के आस पास चाहिए ..
मिटा दो ये मजहबी कड़वाहटें मेरे वतन से ऐ खुदा ..
हर शख्स में भाई भाई सा मिठास चाहिए ...
ये दुनिया काफिरों से इतनी भर गयी है ...
ऐ खुदा तेरे होने का एहसास चाहिए ...
ऐ खुदा तेरे होने का एहसास चाहिए ...
ये मासूम आँखें खौफ़ से कितनी सहमी सी लग रही हैं ...
ऐ खुदा इन आँखों में फिर से तेरी तलाश चाहिए ...
हो तो ज़ाऊ मैं भी फना दरिया ऐ इश्क में ..
हाथ तुम थाम लोगे तेरा विशवास चाहिए ...
माना की तुम ज़माने के चश्म ऒ चिराग हो ...
पर कोई ऐसा मिले जो ताउम्र दिल के आस पास चाहिए ..
मिटा दो ये मजहबी कड़वाहटें मेरे वतन से ऐ खुदा ..
हर शख्स में भाई भाई सा मिठास चाहिए ...
ये दुनिया काफिरों से इतनी भर गयी है ...
ऐ खुदा तेरे होने का एहसास चाहिए ...
No comments:
Post a Comment