असर आप पर तब ये कर जाएगी ...
छू कर आपको जब गुज़र जाएगी ...
करें तैरने का जो हम हौसला ...
समंदर की आदत सुधर जाएगी ....
ज़मीं आपकी आसमां आपका ...
निकल कर भी ये जां किधर जाएगी ...
ये चाँद अब जो छा आसमां पे गया ...
सितारों पे अब क्या नज़र जाएगी ...
"मुसाहिब" किनारा भी मिल जाएगा ...
ये तन्हा भी कब तक लहर जाएगी ...
छू कर आपको जब गुज़र जाएगी ...
करें तैरने का जो हम हौसला ...
समंदर की आदत सुधर जाएगी ....
ज़मीं आपकी आसमां आपका ...
निकल कर भी ये जां किधर जाएगी ...
ये चाँद अब जो छा आसमां पे गया ...
सितारों पे अब क्या नज़र जाएगी ...
"मुसाहिब" किनारा भी मिल जाएगा ...
ये तन्हा भी कब तक लहर जाएगी ...