ज़िन्दगी यूँ ही नहीं कटती बहुत कुछ सहना पड़ता है ..
कभी कुछ सुनना पड़ता है कभी कुछ कहना पड़ता है ..
जानती है हर कली की खिले तो चूस लेगा ये भंवर ....
पर रस्म है जालिम तो उसको खिलना पड़ता है ...
होते परिंदे तो उड़कर काट लेते ज़िन्दगी अपनी ..
हुए हैं आदमी तो पावं जमीं पर रखना पड़ता है ....
ज़िन्दगी यूँ ही नहीं कटती बहुत कुछ सहना पड़ता है ..
कभी कुछ सुनना पड़ता है कभी कुछ कहना पड़ता है।।।।
कभी कुछ सुनना पड़ता है कभी कुछ कहना पड़ता है ..
जानती है हर कली की खिले तो चूस लेगा ये भंवर ....
पर रस्म है जालिम तो उसको खिलना पड़ता है ...
होते परिंदे तो उड़कर काट लेते ज़िन्दगी अपनी ..
हुए हैं आदमी तो पावं जमीं पर रखना पड़ता है ....
ज़िन्दगी यूँ ही नहीं कटती बहुत कुछ सहना पड़ता है ..
कभी कुछ सुनना पड़ता है कभी कुछ कहना पड़ता है।।।।
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