Thursday, 29 August 2013

कोई न कोई तो पीछे कहीं छूट जाता है ..

इतना नाजुक है दिल अक्सर टूट जाता है ..
ऊँची आवाज़ में भी बोलो तो रूठ जाता है ..

कोशिशें लाख करो सबके साथ चलने की ..
कोई न कोई तो पीछे कहीं छूट जाता है ..

आईना हो या हो किस्मत किसी के दिल की ..
पत्थर दिल से लगे तो अक्सर  फूट जाता है ..

वो थकता नहीं था दिल की बातें करते करते.
अब जिक्र भी हो दिल का तो रूठ जाता है ...

हैरां न हो "मुसाहिब" दिल के टुकड़े देखकर  ..
दरारें पड़ ही जाती है जब रिश्ता टूट जाता है ..

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