वो
आ तो गए
पर उनके आने
का यकीं न
रहा…
वो पूछते हैं हमारा हाल मुझसे ...
कैसे कहें अब वो वो न रहा मैं मैं न रहा ….
वो पूछते हैं हमारा हाल मुझसे ...
कैसे कहें अब वो वो न रहा मैं मैं न रहा ….
यूँ
खबर न थी
ज़िन्दगी कर देगी
मजबूर ऐसे..
चाहेंगे उम्र भर उनको जो अब मेरा न रहा …
सांस की आस तो रह जाती है मरते दम तक बाकी ..
पर जीने की खातिर कभी हम न रहे कभी वो न रहा …
कितना मुश्किल होगा उस जमीं को आग लगा देना यु ही …
जिसको सींचते सींचते घर में तिनका न रहा …
वो बात तो करते है पर लब्जो का मायना न रहा …
उम्मीद तो पहले से कम थी अब आरजू न रहा ….
चाहेंगे उम्र भर उनको जो अब मेरा न रहा …
सांस की आस तो रह जाती है मरते दम तक बाकी ..
पर जीने की खातिर कभी हम न रहे कभी वो न रहा …
कितना मुश्किल होगा उस जमीं को आग लगा देना यु ही …
जिसको सींचते सींचते घर में तिनका न रहा …
वो बात तो करते है पर लब्जो का मायना न रहा …
उम्मीद तो पहले से कम थी अब आरजू न रहा ….
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